देश के लगभग हर हिस्से में कोरोना ने अपना पैर पसार लिया है. हर रोज कोरोना संक्रमितों की संख्या में हजारों की वृद्धि हो रही है. इस बीच एक अच्छी खबर आई है. इस खबर के बारे में खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट कर जानकारी दी है. भारत ने कोविड-19 के एंटीबॉडी का पता लगाने वाली टेस्टिंग किट को विकसित कर लिया है. कोरोना वायरस की जांच को लेकर हम इसे एक बड़ी सफलता मान सकते हैं.
पुणे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने कोविड-19 के एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए स्वदेशी आईजीजी एलीसा टेस्ट किट को विकसित किया है. इसका नाम ‘कोविड कवच एलीसा’ रखा गया है. कोविड-19 के एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए एंटी-सार्स-सीओवी-2 मानव आईजीजी एलीसा टेस्ट किट को सफलतापूर्वक विकसित कर लिया है.
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया, ‘इस किट को मुंबई में 2 जगहों पर मान्य किया गया था और इसमें उच्च संवेदनशीलता और सटीकता है. इसके जरिए 2.5 घंटों में एक साथ 90 सैंपल टेस्ट किए जा सकते हैं. जिला स्तर पर भी एलीसा आधारित परीक्षण आसानी से संभव है.’
अब इस टेस्टिंग किट का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की तैयारी के आदेश दिए जा चुके है. आईसीएमआर ने एलीसा टेस्ट किट के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए जाइडस कैडिला (Zydus Cadila) के साथ करार किया है. जल्द ही इस किट की सहायता से बड़े पैमाने पर लोगों की टेस्टिंग की जा सकेगी.
वहीं दूसरी तरफ इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ मिलकर देश में ही कोविड-19 के लिए वैक्सीन तैयार करने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिया है. दोनों की कोशिश है कि कोरोना के इलाज के लिए देश में ही वैक्सीन तैयार की जाए.