नई दिल्ली : निर्भया के दोषी विनय शर्मा ने फांसी से बचाव के लिए एक नया हथकंडा अपनाया है। विनय ने राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डाली है.
अगर विनय की ये याचिका खारिज हो जाती है तो उसके सभी कानूनी विकल्प खत्म हो जाएंगे. इसके बाद विनय को फांसी होना तय है. बता दें कि विनय ने यह याचिका मंगलवार (11 फरवरी) को डाली है.
विनय शर्मा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उसे मानसिक और व्यावहारिक समस्याएं हैं. उसने कहा कि उसे डिप्रेशन और एडजस्टमेंट डिसऑर्डर की समस्या है. उसने शत्रुघ्न चौहान केस का हवाला देते हुए कहा कि इसमें भी दोषी को अगर मानसिक समस्या है तो उसे फांसी नहीं दी जा सकती.
उसने बताया कि उसने कैद के दौरान बेहद मानसिक प्रताड़ना झेली क्योंकि उसके साथ कैद में क्रूरता हुई थी. उसने ये भी दावा किया कि उसके एकांत कारावास में भी रखा गया.
आज दोषियों के वो सात दिन खत्म हो रहे हैं जिसके अंदर उन्हें अपने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लेना था. यही वजह है कि आज विनय शर्मा ने दया याचिका खारिज होने के खिलाफ याचिका डाली है.
वहीं दूसरी तरफ आज सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की केंद्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को इजाजत दी है कि वो नया डेथ वारंट जारी करा सकते हैं. साथ ही 13 फरवरी को अगली सुनवाई की बात कही जा रही है.