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दुश्मन को दहलाने 29 जुलाई को आएगा Rafael, अंबाला एयरबेस पर तैनात होंगे 5 विमान

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नई दिल्ली: इंडियन एयर फोर्स ने कहा है कि भारतीय वायुसेना के ऑफिसर्स ने Rafael की तकनीकी पेचीदगियों को समझने के लिए इसकी व्यापक ट्रेनिंग ली है. एयर फोर्स के अधिकारियों ने इस फाइटर विमान की उच्च मारक क्षमता का गहराई से अध्ययन किया है और अब वे इस पर काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.

29 जुलाई को 5 Rafael विमान भारत को मिलेंगे

अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर वायुसेना में होंगे शामिल

29 जुलाई को 5 Rafael लड़ाकू विमानों की डिलीवरी

भारतीय वायुसेना के लिए 29 जुलाई का दिन खास होने वाला है. उम्मीद है कि इसी दिन भारत को 5 राफेल लड़ाकू विमानों की सप्लाई मिल जाएगी. उसी दिन अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर इसे वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा.

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पोटेंट मेट्योर और स्कैल्प मिसाइल प्रणाली से लैस

राफेल लड़ाकू विमान पोटेंट मेट्योर और स्कैल्प मिसाइल प्रणाली से लैस है. ये भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में व्यापक इजाफा करेंगे.

मेट्योर सिस्टम दुश्मन को हवा से हवा में ही मार गिराने की तकनीक है, जबकि स्कैल्प लंबी दूरी का क्रूज मिसाइल है. इसे इस विमान से ही लॉन्च किया जा सकता है ये मिसाइल दुश्मन के स्थिर और गतिशील लक्ष्यों को अंदर तक जाकर भेद सकता है.

भारत की जरूरतों के मुताबिक किए गए बदलाव

राफेल लड़ाकू विमान में भारत की जरूरतों के मुताबिक कई और बदलाव और संवर्धन किए गए हैं. इन खासियतों पर एयर फोर्स के ऑफिसरों को विशेष रूप से ट्रेनिंग दी गई है. उन्हें न सिर्फ इसकी ऑपरेशनल जानकारी दी गई है बल्कि रख-रखाव और मरम्मत के बारे में भी बताया गया है.

59000 करोड़ की भारी भरकम डील

बता दें कि भारत सरकार ने 2016 में फ्रांस सरकार से 59000 करोड़ के भारी भरकम सौदे में 36 राफेल लड़ाकू विमानों को खरीदने की डील की थी. इसे लेकर देश की राजनीति में भूचाल आ गया था. विपक्ष ने सरकार पर अंतरराष्ट्रीय बाजार से ज्यादा कीमतों पर इन विमानों को खरीदने का आरोप लगाया था.

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