आज के समय में स्मार्टफोन्स (Smartphones) और उसमें इस्तेमाल किए जाने वाले ढेरों ऐप्स जैसे PUBG और Truecaller हर किसी के जीवन का हिस्सा बन चुके हैं. इनमें मोबाइल गेम्स से लेकर आपके दैनिक जीवन में काम आने वाले ढेरों ऐप्स हैं, जो आपकी जिंदगी को आसान और मनोरंजक बनाने का काम करते हैं. हालांकि समय-समय पर इन मोबाइल ऐप्स की विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं. इसके साथ ही इन ऐप्स (Apps) के कारण यूजर्स की प्राइवेसी (Privacy) खतरे में आने के भी ढेरों मामले अबतक सामने आ चुके हैं.
इस सब के बीच रिसर्चर्स ने 53 ऐसे ऐप्स की पहचान की है, जो बेधड़क यूजर्स और उनके संवेदनशील डेटा की जासूसी कर रहे हैं. बतौर रिपोर्ट्स इन ऐप्स से यूजर्स के आईडी और पासवर्ड जैसी संवेदनशील जानकारियां भी चोरी हो सकती है. ये ऐप्स फोन के सेव्ड क्लिपबोर्ड के डेटा की जासूसी (Data spying) करते हैं जिससे यूजर्स का आईडी पासवर्ड भी चोरी हो सकता है. रिसर्चर्स की रिपोर्ट के बाद भी इन ऐप्स की कार्यशैली में कोई बदलाव डिवलपर्स की तरफ से नहीं किया गया है.
इसे भी पढें : Chinese App Ban : भारत सरकार ने TikTok समेत 59 चीनी ऐप को किया बैन, यहां देखिये LIST
ये रही उन ऐप्स की लिस्ट
गेमिंग ऐप्स
- 8 बॉल पूल
- अमेज
- बीज्वेल्ड
- ब्लॉक पजल
- क्लासिक बीज्वेल्ड
- क्लासिक बीज्वेल्ड HD
- फ्लिप द गन
- फ्रूट निंजा
- गोल्फमार्स्टर्स
- लेटर सूप
- लव निक्की
- माई एमा
- प्लेनेट Vs जॉम्बी हीरोज
- पूकिंग
- PUBG मोबाइल
- टॉम्ब ऑफ द मास्क
- टॉम्ब ऑफ द मास्क: कलर
- टोटल पार्टी किल
- वॉटरमारबलिंग
इसे भी पढ़ें : OnePlus स्मार्टफोन पर मिल रहा ₹6000 का बंपर डिस्काउंट, जानिए क्या है कीमत
सोशल नेटवर्किंग ऐप्स
- टिकटॉक
- टुटॉक
- टॉक
- ट्रूकॉलर
- वाइबर
- वीबो
- जूस्क
अन्य ऐप्स
- 10% हैप्पियर: मेडिटेशन
- 5-0 रेडियो पुलिस स्कैनर
- एक्यूवेदर
- अली एक्सप्रेस शॉपिंग ऐप
- बेड बाथ ऐंड बियॉन्ड
- डैज्न
- होटल.कॉम
- होटल टुनाइट
- ओवरस्टॉक
- पिगमेंट
- रिकलर कलरिंग बुक टु कलर
- स्काई टिकट
- द वेदर नेटवर्क
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले टिकटॉक भी यूजर्स की जासूसी के लिए चर्चा में आया था. अब एक रिसर्च में ऐसे ऐप्स की पहचान की गई है जिनका व्यवहार टिकटॉक के जैसा ही है. ये सभी iOS प्लेटफॉर्म पर रन करने वाले ऐप्स हैं. ये सभी ऐप आईफोन के क्लिपबोर्ड से डेटा चुराते हैं. Ars Technica की एक रिपोर्ट के मुताबिक तलाल हज और टॉमी मिस्क नाम के दो रिसर्चर्स ने मार्च में इन ऐप्स को खोजा था लेकिन इसके बाद भी इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया. ये ऐप बेधड़क यूजर्स की जासूसी कर रहे हैं.