केरल में एक गर्भवती हथिनी को जिस तरह बारुद भरा अन्ननास खिलाकर मार डाला गया, उसने हमारे सभ्य होने के विश्वास को तोड़ दिया है. गर्भवती हथिनी की हत्या के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. वन मंत्री के राजू ने कहा कि हत्या में कई लोग शामिल थे और सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा. पुलिस और वन विभाग जांच कर रही है.
दरअसल, केरल के मल्लपुरम जिले के एक गांव में गर्भवती हथिनी पहुंच गई. हथिनी को खाने में पटाखा दे दिया. बारूद की जलन मिटाने के लिए हथिनी वेलियार नदी में गई. तीन दिन तक पानी में मुंह डाले खड़ी रही, लेकिन बारूद का जहर इतना बड़ा था कि ना मां बची ना बच्चा.
एक मूक जानवर के कत्ल पर देश अफसोस और पीड़ा की शोक में डूब गया. जानवरों के लिए काम करने वाली बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने पूछा कि प्राइवेट हाथों में हाथियां होते क्यों हैं. हाथियों की मौत का सवाल नदी में उठे बुलबुले की तरह उठता था और मिट जाता था, लेकिन इस मौत ने उस सवाल को जिंदा कर दिया है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पालतू हाथी अब गिनती में कुल 507 रह गए थे, जिनमें 410 नर और 97 मादा हैं. साल 2017 में 17 हाथियों की मौत हुई, जबकि साल 2018 में 34 और साल 2019 में 14 हाथियों की मौत हुई. पहले हाथी पर संवेदनाओं के शब्द निकले, फिर अचानक वो सियासत में बदल गए.
बीजेपी के सांसद और मंत्री बाबुल सुप्रियो, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से हथिनी की मौत का जवाब मांगने लगे. वैसे ये सवाल केरल से चलकर दिल्ली तक पहुंच गया है. केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया.