बीजेपी का कहना है कि सीएम गहलोत ने राजभवन घेराव की चेतावनी दी थी. उन्होंने गलत भाषा का इस्तेमाल किया था. होटल फेयरमोंट में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद सीएम अशोक गहलोत ने कहा, बीजेपी के षड्यंत्र को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति भवन जाना पड़ा तो जाएंगे. राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री निवास पर भी धरना देना पड़ा तो देंगे. उन्होंने कहा होटल में 21 दिन रहना पड़ सकता है. सीएम गहलोत ने दावा किया कि बहुमत हमारे साथ है. तो वहीं राज्यपाल से मुलाकात के बाद बीजेपी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान का मशहूर पोलिटिकल ड्रामा चल रहा है. कल का घटनाक्रम आपराधिक दायरे में आता है. सत्र आहूत करना राज्यपाल का अपना अधिकार है. राज्यपाल की छाती पर खड़े रहकर निर्णय नहीं मनवा सकते हैं. जो तरीका अपनाया वह संविधान की घोर अवहेलना है.
राजस्थान (Rajasthan) में सियासी घमासान तेज हो गया है. हाईकोर्ट (High Court) से सचिन पायलट को राहत मिलने के बाद गहलोत खेमे में हलचल तेज हो गई है. सत्र बुलाने को लेकर हो रही राजस्थान कैबिनेट (Cabinet) की बैठक खत्म हो गई है. मंत्रिमंडल ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए फिर से कैबिनेट में प्रस्ताव पारित किर दया गया है. अब इसे राज्यपाल को भेजा जाएगा. राजनीतिक हलचल के बीच अब राजभवन और कांग्रेस का टकराव बढ़ाता जा रहा है. 27 जुलाई को कांग्रेस सभी राज्यों के राजभवनों का घेराव करने वाली है. राजधानी जयपुर में भी राजभवन का घेराव होगा. कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर राजभवन घेराव की घोषणा की है. वेणुगोपाल ने लिखा, लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ देश भर के राजभवन घेरेगी कांग्रेस. इधर, बीजेपी (BJP) नेता राज्यपाल से राजभवन में मुलाकात कर रहे हैं. राज्यपाल से मुलाकात के बाद बीजेपी राज्य सरकार पर हमलावर हो गई है. बीजेपी का कहना है कि हमने राष्ट्रपति शासन की मांग नहीं की है. बीजेपी ने सीएम गहलोत से इस्तीफे (Resignation) की मांग की है.