कोरोना संकट के चलते CBSE के छात्रों को सिर्फ़ ऑनलाईन पढ़ाई ही करनी पड़ रही है. ऐसे में छात्रों के ऊपर अधिक स्ट्रेस न पड़े इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कुछ हफ़्ते पहले देश के शिक्षाविदों से ट्विटर पर #SyllabusForStudents2020 हैश टैग के अंतर्गत छात्रों का पाठ्यक्रम कम करने के सम्बंध में राय मांगी थी. मंत्रालय को डेढ़ हज़ार से ज़्यादा शिक्षाविदों और अभिभावकों ने अपनी राय भेजी थी.
मंत्रालय ने CBSE को दिया था आदेश
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने CBSE से सिलेबस कम करने पर विचार करने के लिए कहा था. इसी के बाद अब CBSE ने 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम को 30 फीसदी कम कर दिया है. इसके लिए सभी विषयों से हटाए गए, हिस्सों पर कैरिकुलम कमेटी और बोर्ड की गवर्निंग बॉडी से अलग-अलग इजाज़त ली गई है. अब हटाए गए अंश इंटर्नल असेस्मेंट और साल के अंत में होने वाली परीक्षाओं का हिस्सा नहीं होंगे. 9वीं से 12वीं तक के सभी विषयों से पाठ कम किए गए हैं, यहां उदाहरण के लिए सिर्फ़ हिंदी के हटाए गए पाठ दिए जा रहे हैं.
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हिंदी- 9वीं से हटाए गए पाठ
स्पर्श (भाग-1)
धीरंजन मालवे -वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन
रामधारी सिंह दिनकर – गीत – अगीत
काका कालेकर – कीचड़ का काव्य
स्वामी आनंद – शुक्रतारे के समान
नज़ीर अकबराबादी – आदमी नामा
हरिवंशराय बच्चन – अग्निपथ
अरुण कमल – नए इलाके में
संचयन (भाग -1)
कल्लू कुम्हार की उनाकोटी
मेरा छोटा सा निजी पुस्तकालय
हिंदी – 10वीं से हटाए गए पाठव्याकरण खंड
अलंकार
पद्य खंड
बिहारी के दोहे
महादेवी वर्मा – मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
वीरेन डंगवाल -तोप
रवींद्रनाथ ठाकुर- आत्मत्राण
गद्य खंड
सीताराम सेकसरिया – डायरी का एक पन्ना प्रह्लाद अग्रवाल – तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र
अंतोन चेखव – गिरगिट
रविंद्र केलकर – पतझड़ में टूटी पत्तियां : (i) गिन्नी का सोना
हिंदी- 11वीं से हटाए गए पाठ
गद्य खंड
सत्यजित राय- अपू के साथ ढाई साल
हैदर रज़ा – आत्मा का ताप
रामनरेश त्रिपाठी – पथिक
बालमुकुंद गुप्त – विदाई संभाषण
मन्नू भंडारी – रजनी
काव्य खंड
त्रिलोचन – चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हती
अक्क महादेवी – I. हे भूख! मत मचल, II. हे मेरे जुही के फूल जैसे ईश्वर
अवतार सिंह पाश- सबसे खतरनाक
हिंदी – 12वीं से हटाए गए पाठ
पद्य खंड
1. सूर्य कांत त्रिपाठी निराला -बादल राग
2. हरिवंश राय बच्चन-(i)आत्म परिचय
3. आलोक धन्वा -पतंग
4. कुंवर नारायण-(ii) बात सीधी थी पर
5. उमा शंकर जोशी -(i) छोटा मेरा खेत, (ii) बगुलों के पंख
गद्य खंड
1. विष्णु खरे-चाली चैप्लिन यानी हम सब
2. हज़ारी प्रसाद द्विवेदी-शिरीष के फूल