वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आज 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के बारे में विस्तृत जानकारी देंगी. बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में अर्थव्यवस्था के रिवाइवल के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की. यह पैकेज देश की जीडीपी का 10 प्रतिशत है. वित्त मंत्री इस राहत पैकेज में किस वर्ग को कितनी राहत मिलेगी, इसकी जानकारी देगी. ये आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा. इस विशेष आर्थिक पैकेज में भूमि, श्रम, नकदी और कानून पर जोर दिया जाएगा.
बड़ी इंडस्ट्री को कम वित्तीय राहत मिल सकती है. सूत्रों के मुताबिक रिफॉर्म के जरिए ज्यादा राहत देने पर जोर रहेगा. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक एग्री इंडस्ट्री को 3.5 लाख करोड़ रुपये मिल सकते हैं . MSMEs को करीब 2.8 लाख करोड़ रुपये और NBFCs/HFCs को करीब 1 लाख करोड़ रुपये दिए जा सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक टैक्स के मोर्चे पर करीब 50,000 करोड़ की राहत संभव है. पावर सेक्टर को करीब 90,000 Cr की राहत मिल सकती है. हाउसिंग, फिशरीज जैसे सेक्टर को भी पैकेज में हिस्सा संभव है. डायरेक्ट कैश ट्रांसफर से बड़ी रकम मिल सकती है. असंगठित क्षेत्र के लोगों को बड़ी मदद मिल सकती है.
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबित ये राहत पैकेज 3-4 किस्तों में आ सकता है. पहली किस्त में MSME,पर फोकस रहेगा. पहली किस्त में NBFCs,HFCs और टैक्स पर ऐलान संभव है. दूसरी किस्त में एग्रीकल्चर सेक्टर पर फोकस रह सकता है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक पावर सेक्टर को भी राहत मिलने की संभावना है. तीसरी, चौथी किस्त में सेक्टोरल रिफॉर्म पर फोकस रहेगा. कोल, माइनिंग, सिविल एविएशन, इंफ्रा, डिफेंस सेक्टर में रिफॉर्म पर फोकस रहेगा.
सूत्रों के मुताबिक एग्री मार्केटिंग में बड़े रिफॉर्म का एलान संभव है. इस राहत पैकेज में किसानों को तय रिटर्न की गारंटी पर जोर हो सकता है. लेबर रिफॉर्म पर राज्यों को मॉडल कानून दिया जा सकता है. इसके अलावा इसमें FDI रिफॉर्म पर जोर हो सकता है. निवेश की शर्तों में भी ढील दी जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक बड़ी संख्या में प्रोडक्ट इंपोर्ट पर ड्यूटी लगाई जा सकती है. टैक्स स्ट्रक्चर में भी बड़े बदलाव की संभावना है.
इसे भी पढ़ें : पीएम मोदी ने किया 20 लाख के आर्थिक पैकेज का ऐलान
देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 10%
आर्थिक पैकेज में सरकार के हाल के निर्णय, रिजर्व बैंक की घोषणाओं को मिलाकर यह पैकेज करीब 20 लाख करोड़ रुपये का होगा जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 10 प्रतिशत है. सीतारमण जल्दी ही इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगी. पीएम मोदी ने कहा, 20 लाख करोड़ रुपये का ये पैकेज एमएसएमई, मजदूरों, किसानों और ईमानदारी से टैक्स भरने वालों के लिए है. ये उद्योग जगत के लिए भी है.
सभी के लिए होगा खास
मौजूदा हालात में देश की आर्थिक विकास दर एक फीसदी रह सकती है या इससे भी नीचे जा सकती है. कोरोना की वजह से लॉकडाउन के इस दौर में बाजार में मांग काफी प्रभावित हुई है और 12 करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरी जाने का अनुमान है. मोदी सरकार कोरोना राहत पैकेज की मदद से अर्थव्यवस्था को उबारने और मांग बढ़ाने की कोशिश कर सकती है.
पीएम ने जितने बड़े राहत पैकेज का एलान किया है, उससे उद्योग जगत की उम्मीदें पूरी होती दिख रही हैं. भारत सरकार की ओर से पहले घोषित पैकेज में गरीबों के लिए अनाज उपलब्ध कराने और गरीब महिलाओं व बुजुर्गों को नकद मदद देने के लिए घोषित 1.7 लाख करोड़ रुपये का पैकेज और रिजर्व बैंक की तरफ से की जा चुकी घोषणाएं शामिल हैं.
इसे भी पढ़ें : टूटा रिकॉर्ड : 12 साल में सबसे कम गर्मी, इसके चार मुख्य कारण…
भारत का कोरोना राहत पैकेज दुनिया के सबसे बड़े पैकेज में से एक
जापान और अमेरिका के बाद स्वीडन ने अपनी जीडीपी का 12 फीसदी, जर्मनी ने 10.7 फीसदी के राहत पैकेज का ऐलान किया है. भारत का कोरोना राहत पैकेज इसकी जीडीपी का 10 फीसदी है.
भारत के बाद फ्रांस ने जीडीपी के 9.3 फीसदी, स्पेन ने 7.3 फीसदी, इटली ने 5.7 फीसदी, ब्रिटेन ने 5 फीसदी, चीन ने 3.8 फीसदी और दक्षिण कोरिया ने जीडीपी के 2.2 फीसदी के राहत पैकेज का ऐलान किया है.
#economicpackage #corona #narendramodi #nirmalasitharaman #lockdown #coronainindia