प्रोबायोटिक्स हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं और इसके महत्व पर कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ और डॉक्टर्स लगातार जोर भी देते आए हैं। इनका उपयोग पेट को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है। लेकिन हाल ही में हुई एक रिसर्च में इसे डिप्रेशन के लिए फायदेमंद बताया गया है। रिसर्च में कहा गया है कि प्रोबायोटिक्स में मौजूद माइक्रोब्स मेंटल हेल्थ को भी बूस्ट करते हैं।
जर्नल बीएमजे न्यूट्रिशन, प्रिवेंशन एंड हेल्थ में प्रकाशित एक शोध पत्र के अनुसार, प्रोबायोटिक्स का प्रभाव, या तो अकेले या प्रीबायोटिक्स के साथ मिलकर बने मिश्रण से व्यक्ति के डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। हालांकि यह दावा सिर्फ डिप्रेशन के लिए किया गया है, एंग्जाइटी पर अभी रिसर्च होनी बाकी है।हमारे पेट और मस्तिष्क में गहरा संबंध होता है। वैसे तो वैज्ञानिक कहते हैं कि हमारी पूरी बॉडी ही आपस में जुड़ी हुई है।
लेकिन पेट और दिमाग का संबंध इसलिए भी गहरा हो जाता है क्योंकि हम जो भी खाते हैं उसका साफ असर हमारे ब्रेन और मूड पर पड़ता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारे पेट और दिमाग के बीच एक टू-वे सम्बंध होता है, जिसे गट-ब्रेन एक्सिस कहते हैं। यानि कि पेट में मौजूद बैक्टिरिया दिमाग पर गहरा असर डालते हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति प्रोबायोटिक्स का सेवन करें और वह डिप्रेशन का शिकार है तो उसे काफी सकारात्मक असर दिखता है