रांची : झारखंड में बालू की कालाबाजारी को देखते हुए हेमंत सोरेन सरकार ने अपना पुराना आदेश वापस ले लिया है. सरकार ने सोमवार (20 जुलाई, 2020) को एक आदेश जारी करके सिर्फ ट्रैक्टर से ही बालू की ढुलाई वाला आदेश निरस्त कर दिया है. सरकार ने कहा है कि अब पहले की तरह ट्रैक्टर, ट्रक, हाइवा सभी वाहनों से बालू की ढुलाई की जा सकेगी.
झारखंड बालू ट्रक एसोसिएशन के ज्ञापन पर विचार करने के बाद सरकार ने अपने पूर्व के आदेश को निरस्त करते हुए यह नया आदेश जारी किया है. इसके पहले सरकार ने कहा था कि सिर्फ ट्रैक्टर से ही ढुलाई की जायेगी. बड़े वाहनों से भंडारण केंद्र या स्थल से बालू के उठाव पर पूरी तरह रोक लगा दी गयी थी.
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अब उठाव सभी प्रकार के वाहनों से करने की अनुमति दे दी गयी है. खान विभाग के सचिव के श्रीनिवासन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मंजूरी के बाद इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया. इस बाबत उन्होंने सभी उपायुक्तों को पत्र एक लिखा है.
उपायुक्तों को संबोधित इस पत्र में लिखा गया है कि 24 जून, 2020 को भंडारण स्थल से बालू का परिवहन सिर्फ ट्रैक्टर से करने और बड़े वाहनों हाइवा, डंपर आदि का उपयोग नहीं करने का आदेश दिया गया था. विचार के बाद उक्त निर्देश को निरस्त करते हुए भंडारण स्थल से बालू का उठाव पूर्व की भांति नियमानुकूल सभी प्रकार के वाहनों से करने की अनुमति दी जाती है.
उल्लेखनीय है कि ट्रैक्टर से उठाव के आदेश के बाद बालू की दरों में तेजी से इजाफा हो गया. कहा गया कि सिर्फ ट्रैक्टर से ढुलाई की वजह से बालू की कालाबाजारी हो रही है. एक ट्रैक्टर की कीमत तीन से चार हजार रुपये हो गयी है.
दूसरी तरफ, एसोसिएशन ने सरकार को ज्ञापन देकर कहा था कि ट्रक बंद होने से मजदूरों के रोजगार पर असर पर रहा है. बालू की दर भी बढ़ गयी है. एसोसिएशन ने इसको लेकर धरना भी दिया था. इसके बाद सरकार ने पुन: ट्रक, हाइवा और डंपर से उठाव की अनुमति दे दी है.